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छत्तीसगढ के जलप्रपात | Water Fall Of Chhattisgarh | chhattisagadh ke jalprapaat | CG All Water Fall | CG Jalprpat




छत्तीसगढ के जलप्रपात


बलरामपुर

पवई जलप्रपात : 
  •  सेमरसोत अभयारण्य में पवई जलप्रपात चिनार नदी (कन्हार की सहायक नदी पर ) स्थित है । 
  • यह जलप्रपात लगभग 100 फुट से भी ज्यादा ऊँचाई से गिरता है । 
  •  इस जल प्रपात को जब पानी ज्यादा आता है तब धुआंधार कहा जाता है । 

 कोठली जलप्रपात : 

  •  अंबिकापुर के विख्यात दर्शनीय स्थल डीपाडीह से 15 कि.मी. दूर उत्तरीदिशा में यह जलप्रपात स्थित है । 
  • कन्हार नदी में स्थित कोठली जलप्रपात अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण बरबस ही अपनी ओर ध्यान खींच लेता है ।

सरगुजा

कुन्दरू घाघ जलप्रपात

 छत्तीसगढ़ राज्य के प्रसिद्ध प्रपातों में से एक है। सरगुजा ज़िले की स्थानीय बोली में इस जलप्रपात को 'घाघी' कहा जाता है।
पिंगला नदी, जो 'तमोर पिंगला अभयारण्य' के हृदय स्थल से प्रवाहित होती है, इसमें कुन्दरू घाघ एक मध्य ऊँचाई का सुन्दर जलप्रपात रमकोला से 10 कि.मी. की दूरी पर घने वन के मध्य में स्थित है।
 यह जलप्रपात दोनों ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है। यह स्थल पारिवारिक वन भोज के लिए मनमोहक, दर्शनीय एवं सुरक्षित सुगम पहुंच योग्य है।



रक्सगण्डा जलप्रपात
  • छत्तीसगढ़ राज्य का प्रसिद्ध जलप्रपात है। यह जलप्रपात सरगुजा ज़िले के 'नलंगी' नामक स्थान पर रेंडनदी पर स्थित है
  • यहाँ नदी का पानी ऊंचाई से गिरकर एक संकरे कुण्ड में समाता है। इस कुण्ड की गहराई बहुत अधिक है।
  • कुण्ड से 100 मीटर लंबी सुरंग निकलती है। यह सुरंग जहाँ समाप्त होती है, वहाँ से रंग-बिरंगा जल निकलता रहता है। 
  • अपनी इस विचित्रता के कारण यह जलप्रपात लोगों को एक अनोखे प्राकृतिक सौंदर्य का अहसास कराता है।

कोठली जलप्रपात

 छत्तीसगढ़ राज्य में अम्बिकापुर के विख्यात दर्शनीय स्थल डीपाडीह से 15 कि.मी. की दूरी पर उत्तरी दिशा में स्थित है।
यह जलप्रपात कन्हार नदी पर स्थित है और अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण बरबस ही सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है।[1]

सरभंजा जलप्रपात - मांड नदी पर है (मैनपाट क्षेत्र में )

कोरिया

अमृतधारा जल प्रपात

 सम्पूर्ण भारत में कोरिया को प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है।
 इस ज़िले को प्रकृति ने अपनी अमूल्य निधियों से सजाया और सँवारा है।
यहाँ चारों ओर प्रकृति के मनोरम दृश्य बिखरे पड़े हैं।
इन्हीं में से एक 'अमृतधारा जल प्रपात' है, जो कि हसदो नदी पर स्थित है।
    

अकुरिनाला प्रपात -
  •       इसे कोरिया का एयरकंडीशनर कहा जाता है .

गावर घाट - हसदेव नदी पर .


नीलकंठ जलप्रपात
  •  बसेरा छत्तीसगढ़ राज्य में 'गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान' के अंतर्गत सघन वन से घिरा हुआ है।  
  •  इस प्रपात से लगभग 100 फुट की ऊँचाई से जल नीचे गिरता है।
  •  यहाँ स्थित एक विशाल शिवलिंग भी आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है।




 कबीरधाम


रानी दहरा 

  • कबीरधाम जिला मुख्यालय से जबलपुर मार्ग पर करीब 35 कि.मी. दूरी पर रानी दहरा नामक जलप्रपात भोरमदेव के अंतर्गत आता है
  • रियासतकाल में यह मनोरम स्थल राजपरिवार के लोगों का प्रमुख मनोरंजन स्थल हुआ करता था।
  • रानीदहरा मैकल पर्वत के आगोस में स्थित है। 
  • तीनों ओर पहाड़ों से घिरे इस स्थान पर करीब 90 फुट की ऊंचाई पर स्थित जलप्रपात बर्बस ही लोगों को अपनी ओर आकृष्ट करता है।  


कोरबा


   
केंदई जल प्रपात

  • कोरबा जिले के केंदई नदी पर साल के घने वन प्रदेश से घिरे केन्दई गांव में यह जल प्रपात स्थित है
  •  यहां एक पहाड़ी नदी करीब 200 फुट की ऊंचाई से नीचे गिरकर इस जलप्रपाच का निर्माण करती है। 
  • इस जलप्रपात को पास में स्थित विशाल शिलाखंड से इस जलप्रपात को देखना एक अलग ही अनुभव प्रदान करता है । 

रायगढ़


    रामझरना

    माडुसिल्ली - सिलियारी नदी

जशपुर

रानीदाह जलप्रपात
  •  यह जलप्रपात जशपुर जिला मुख्यालय से 15 कि.मी. की दूी पर स्थित है।
  •  इस जलप्रपात के समीप प्रसिद्घ महाकालेश्वर मंदिर और ऐतिहासिक स्थल पंचमैया होने के कारण इसका धार्मिक महत्व भी है ।
  •  रानीदाह जलप्रपात जून से फरवरी तक चालू रहता है।
  •    रानीदाह जलप्रपात ,राजपुरी जलप्रपात ,दमेरा जलप्रपात ,खुडियारानी जलप्रपात आदि भी  है .


दमेरा जलप्रपात
  •  छत्तीसगढ़ राज्य में जशपुर ज़िले से आठ कि.मी. की दूरी पर श्रीनाला पर स्थित है।
  •  नैसर्गिक खूबसूरती वाले इस जलप्रपात को निहारने का सबसे अच्छा समय जुलाई से दिसंबर तक है।

राजपुरी जलप्रपात
  • छत्तीसगढ़ राज्य का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। 
  • यह जशपुर ज़िले के बगीचा विकासखंड मुख्यालय से तीन कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
  • यह जलप्रपात वर्ष के बारह महीने प्रवाहित होने वाला प्रपात है।
  • ग्रीष्म ऋतु के दिनों में भी इसकी सुंदरता बरकरार रहती है, परंतु वर्षा के दौरान इसका प्राकृतिक सौंदर्य और भी अधिक निखर जाता है।

महासमुंद


    सात देवधारा जलप्रपात - बलमदेई नदी पर



गरियाबंद


    गोदना जलप्रपात - उदयन्ती नदी के तट पर




कांकेर


मलजकुण्डलम जलप्रपात 
  • यह जल प्रपात कांकेर जिला मुख्यालय से दक्षिण-पश्चिम में 17 कि.मी. की दूरी पर दूधनदी पर स्थित है। 
  • यहां पहाड़ी पर स्थित एक कुंड से नीचे गिरती जलधारा अलौकिक दृश्य पैदा करती है। 
  • साफ-सुथरा जल नीचे गिरते समय दूधिया धारा का अहसास कराता है।
     .


नारायणपुर


चर्रे-मर्रे जलप्रपात
  • नारायणपुर के अंतागढ़-आमाबेड़ा वनमार्ग पर पिंजारिन घाटी में यह जलप्रपात स्थित है । 
  • उत्तर पश्चिम दिशा में जलप्रपात का गिरता हुआ पानी अलग-अलग कुंडों के रूप में एकत्रित होकर दक्षिण दिशा में लंबा फासला तय कर कोटरी नदी में मिलता है ।

खुरसेल जलप्रपात
  • छत्तीसगढ़ राज्य के नारायणपुर ज़िले में अवस्थित है। 
  • इस पर्वतीय जलप्रपात का प्राकृतिक सौंदर्य बहुत ही ख़ूबसूरत है।
  •  नारायणपुर ज़िले में स्थित खुरसेल घाटी अंग्रेज़ों के समय से ही अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए काफ़ी प्रसिद्ध रही है।
  • यहाँ गुड़ाबेड़ा से करीब 9 कि.मी. की दूरी पर स्थित खुरसेल जलप्रपात में करीब 400 फुट की ऊंचाई से गिरता हुआ जल कई खण्डों में कुण्डों का निर्माण करता है।
  •   इस स्थान पर जहाँ एक ओर वृहत आकार के शिलाखण्डों की सुदरता है तो दूसरी ओर तेज चट्टानी ढाल से नीचे गिरता हुआ जल सुंदर नज़ारा प्रस्तुत करता है।


    खुरसेल झरना - यह खुरसेल नदी पर है .

बस्तर

चित्रकोट जलप्रपात :-
  •  जगदलपुर से 40 कि.मी. और रायपुर से 273 कि.मी. की दूरी पर स्थित है | 
  • यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा, सबसे चौड़ा और सबसे ज्यादा जल की मात्रा प्रवाहित करने वाला जलप्रपात है।
  •  यहां इंद्रावती नदी का जल प्रवाह लगभग 90 फुट ऊंचाई से नीचे गिरता है।
  •  भारतीय नियाग्रा के नाम से प्रसिद्घ चित्रकोट वैसे तो प्रत्येक मौसम में दर्शनीय है, परंतु बरसात के मौसम में इसे देखना रोमांचकारी अनुभव होता है। 
  • बारिश में ऊंचाई से विशाल जलराशि की गर्जना रोमांच और सिहरन पैदा कर देता है। 
  • चित्रकोट जलप्रपात के आसपास घने वन विनमान है, जो कि उसकी प्राकृतिक सौंदर्यता को और बढ़ा देती है।


    तीरथगढ जलप्रपात-
  • कांगेर घाटी के जादूगर के नाम से मशहूर तीरथगढ़ जलप्रपात जगदलपुर से 29 किमी. दूरी पर स्थित है । 
  • यह राज्य का सबसे ऊंचा जलप्रपात है यहां 300 फुट ऊपर से पानी नीचे गिरता है 
  • कांगेर और उसकी सहायक नदियां मनुगा और बहार मिलकर इस सुंदर जलप्रपात का निर्माम करती है
  • विशाल जलराशि के साथ इतनी ऊंचाई से भीषण गर्जना के साथ गिरती सफेद जलधारा यहां आए पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव प्रदान करती है। 
  • तीरथगढ़ जलप्रपात को देखने का सबसे अच्छा समय बारिश के मौसम के साथ-साथ अक्टूबर से अपैल तक का है।

 कांगेर धारा जलप्रपात-

  • कांगेर नदी पर स्थित है |
  • बस्तर जिले में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित इस जलप्रपात की ऊंचाई 20 फुट है । 
  • कांगेर घाटी से होकर गुजरने वाली कांगेर नदी पर स्थित इस जलप्रपात का पानी स्वच्छ रहता है 
  • इस नदी के भैसादरहा नामक स्थान पर मगमच्छ प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं ।
चित्रधारा जलप्रपात
  • बस्तर जिले में जगदलपुर से 13 कि.मी. दूर करंजी गांव के समीप एक पहाड़ी से खंड-खंड में गिरते पानी वाला यह आकर्षक जलप्रपात है । 
  • यह जलप्रपात आसपास के लोगों के लिए पर्यटन का प्रमुख स्थल है।

महादेव धूमर जलप्रपात
  •  जगदलपुर से 27 कि.मी. दूरी पर स्थित ग्राम मावलीभाठा में महादेव घूमर स्थित है । इसे पुजारी पारा जलप्रपात भी कहा जाता है । 
  • यह कई शिलाखंडों से होता हुआ 15-20 फुट ऊंचाई से गहरी खाई में चला जाता है।

तामड़ा जलप्रपात
  •  बस्तर जिले के चित्रकोट के तीन कि.मी. पहले दक्षिण-पश्चिम दिशा में तामड़ा जलप्रपात स्थित है
  •  यहां तामड़ा बहार नदी का पानी करीब 125 फुट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। 

   मंडवा जलप्रपात 
  •  छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर ज़िले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-43 पर जगदलपुर से 22 कि.मी. की दूरी पर कोलाब नदी पर स्थित है। 
  • 'गुप्तेश्वर' नामक स्थान पर प्राकृतिक रूप से बने इस जलप्रपात की सुंदरता अप्रतिम है।

दंतेवाड़ा


बोग्तुम जलप्रपात
  • छत्तीसगढ़ राज्य के दन्तेवाड़ा ज़िले में भोपालपटनम् के निकट पोड़सपल्ली नामक ग्राम की पहाडिय़ों में स्तित है। यह एक शानदर प्राकृतिक जलप्रपात है।
  • सूरतगढ़ जलप्रपात - डंकिनी नदी पर स्थित है .
  • मेंदरीघुमर - इसे हाथी दरहा जलप्रपात भी कहा जाता है .

मल्गेर इंदुल जलप्रपात
  • छत्तीसगढ़ राज्य का ख़ूबसूरत पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात दन्तेवाड़ा ज़िले के कोंटा तहसिल में स्थित 
  • है। बैलाडीला पहाडिय़ों से निकलने वाली मल्गेर नदी पर स्थित इस पर्वतीय जलप्रपात का प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत है।


रानीदरहा जलप्रपात
  • छत्तीसगढ़ राज्य के दन्तेवाड़ा ज़िले की कोंटा तहसील में स्थित है।
  • यह जलप्रपात विकासखंड मुख्यालय छिंदगढ़ से 30 कि.मी. की दूरी पर शबरी पार ग्राम के समीप है।
  • रानीदरहा जलप्रपात का प्राकृतिक सौंदर्य दर्शनीय है।
  • जलप्रपात के आसपास शबरी नदी का जल गहरा होने के कारण थमा हुआ सा नज़र आता है, जो कि इस जलप्रपात की सुंदरता में और चार-चांद लगा देता है।

सातधारा जलप्रपात
  • छत्तीसगढ़ राज्य में दन्तेवाड़ा ज़िले के बरसुर से 6 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
  • यह स्थान जहाँ इंद्रावती नदी सात भागों में विभाजित होती हैं, एक छोटा-सा जलप्रपात सातधारा के रूप में निर्मित होता हैं।
  • यह एक शांत पिकनिक स्थल है, जहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य भी ख़ूबसूरत है।
  • बाज़ार हाट के दिनों में यहाँ आने से परहेज करना चाहिये, क्योंकि इन दिनों में बहुत शोरगुल रहता हैं। बाज़ार स्थल के करीब ही एक मंदिर भी है।

पुलपाड़ इंदुल जलप्रपात
  • छत्तीसगढ़ राज्य के ख़ूबसूरत पर्यटन स्थलों में गिना जाता है।
  • यह प्रपात बैलाडीला से पहले दंतेवाड़ा ज़िला मुख्यालय से सुकमा मार्ग पर नकुलनार के निकट 'पुलपाड़' नामक ग्राम में स्थित है।
  •  यहाँ पहाडिय़ों से गिरती कई धाराओं में बंटी जलराशि जलप्रपात के सौंदर्य को कई गुना बढ़ा देती है।

सुकमा


    गुप्तेश्वर जलप्रपात - सबरी नदी पर स्थित (रानी दरहा भी सबरी नदी पर )


नारायणपुर

खुरसेल जलप्रपात
  •  छत्तीसगढ़ राज्य के नारायणपुर ज़िले में अवस्थित है। इस पर्वतीय जलप्रपात का प्राकृतिक सौंदर्य बहुत ही ख़ूबसूरत है।
  • नारायणपुर ज़िले में स्थित खुरसेल घाटी अंग्रेज़ों के समय से ही अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए काफ़ी प्रसिद्ध रही है।
  • यहाँ गुड़ाबेड़ा से करीब 9 कि.मी. की दूरी पर स्थित खुरसेल जलप्रपात में करीब 400 फुट की ऊंचाई से गिरता हुआ जल कई खण्डों में कुण्डों का निर्माण करता है।
  •  इस स्थान पर जहाँ एक ओर वृहत आकार के शिलाखण्डों की सुदरता है तो दूसरी ओर तेज चट्टानी ढाल से नीचे गिरता हुआ जल सुंदर नज़ारा प्रस्तुत करता है।

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बीजापुर

सप्तधारा जलप्रपात
  •  दन्तेवाड़ा में इंद्रावती नदी पर स्थित सप्तधारा जलप्रपात छत्तीसगढ़ का अत्यंत रमणीय पर्यटन स्थल है ।
  •  यह जलप्रपात बोधघाट पहाड़ी से गिरते हुए क्रमश: बोध धारा, कपिलधारा पाण्डव धारा, कृष्णधारा शिव,धारा बाणधारा और शिवार्चन धारा नामक सात धाराओं का निर्माण करता है।
  •  सघन वन में होने के कारण सप्तधार जलप्रपात की रमणीयता और भी बढ़ जाती है।

गोडेना जलप्रपात
  •  छत्तीसगढ़ राज्य में 'पामेड़ अभयारण्य' के अंतर्गत कर्रलाझर से 8 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
  • यहाँ का स्थान बहुत ही मनोरम एवं एकांत में है, जहां झरने की कलकल ध्वनि पहाड़ से बहती हुई सुनाई देती है।
  •   गोडेना जलप्रपात पर्यटकों के लिए पिकनिक मनाने के लिए एक उत्तम स्थान है।


    सातधारा -
  • इन्द्रावती नदी पर
  •  इसमें सातधारा क्रमश:शिवधारा ,शिव चित्र धरा ,कृष्णधारा,पांडवधारा,बाणधारा,बोध धारा तथा कपिल धारा प्रमुख है .


गोडेना जलप्रपात
  • छत्तीसगढ़ राज्य में 'पामेड़ अभयारण्य' के अंतर्गत कर्रलाझर से 8 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
  •  यहाँ का स्थान बहुत ही मनोरम एवं एकांत में है, जहां झरने की कलकल ध्वनि पहाड़ से बहती हुई सुनाई देती है।
  • गोडेना जलप्रपात पर्यटकों के लिए पिकनिक मनाने के लिए एक उत्तम स्थान है।

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