भारतीय संविधान में भारतीय नागरिको के लिए 11 मौलिक कर्तव्य :
प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा की वह संविधान का पालन करे और उसके आदर्शो ,संस्थाओ ,राट्र ध्वज और राष्ट्र गान का आदर करे
स्वतंत्रता के लिए हमारे रास्ट्रीय आन्दोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को ह्रदय में संजोये रखे और उनका पालन करे .
भारत की प्रभुता , एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे .
देश की रक्षा करे .
भारत के सभी लोगो में समरसता और समान भ्रातत्व की भावना का निर्माण करे .
हमारी सामाजिक संस्क्रती की गौरवशाली परम्परा का महत्व समझे और उसका परीक्षण करे .
प्राक्रतिक पर्यावरण की रक्षा और उसका संवर्धन करे .
वैज्ञानिक द्रष्टिकोण और ज्ञानार्जन की भावना का विकास करे .
सार्वजानिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखे .
व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रो में उत्कर्ष की और बढने का सतत प्रयास करे .
माता - पिता या संरक्षक द्वारा 6 से 14 वर्ष के बच्चो हेतु प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना .
मौलिक कर्तव्य
मूल कर्तव्यों को रूस के संविधान से लिया गया है।
मौलिक कर्तव्यों को "सरदार स्वर्ण सिंह समिति" की सिफारिश पर 42वें संविधान संशोधन -1976 द्वारा जोड़ा गया।
इन्हें
संविधान के भाग-4क में अनुच्छेद-51क में रखा गया। प्रारम्भ में मौलिक
कर्तव्यों की संख्या 10 थी। वर्तमान में मौलिक कर्तव्यों की संख्या 11 है।
11वाँ मौलिक कर्तव्य 86वें संविधान संशोधन 2002 द्वारा जोड़ा गया।
सरदार
स्वर्ण सिंह समिति ने कुल 8 मूल कर्तव्यों की सिफारिश की थी। किन्तु संसद
ने इसमें दो मूल कर्तव्य और जोड़कर 42वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा 10
मौलिक कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा।
मौलिक
कर्तव्य स्वेच्छिक हैं। किसी व्यक्ति को मौलिक कर्तव्यों का पालन करने के
लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। अर्थात मौलिक कर्तव्यों का पालन करने की
कोई विधिक बाध्यता नहीं है।
अनुच्छेद-51क भारत के नागरिकों को निम्नलिखित मूल कर्तव्य प्रदान करता है।
अनुच्छेद-51क(क)--
प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह, संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थानों, राष्ट्रध्वज एवं राष्ट्रगान का आदर करे।
अनुच्छेद-51क(ख)--
प्रत्येक
नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह,स्वतन्त्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय
आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका
पालन करे।
अनुच्छेद-51क(ग)--
प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह, भारत की प्रभुता, एकता और अखण्डता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे।
अनुच्छेद-51क(घ)--
प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह, देश की रक्षा करे और आह्वान किये जाने पर देश की सेवा करे।
अनुच्छेद-51क(ङ)--
प्रत्येक
नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह, भारत के सभी लोगों में समरसता और
भ्रातृत्व की भावना का विकास करे जो धर्म, भाषा, क्षेत्र और वर्ग पर आधारित
सभी भेद-भावों से मुक्त हो तथा ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के
सम्मान के विरुद्ध हैं।
अनुच्छेद-51क(च)--
प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह, भारतीय सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे।
अनुच्छेद-51क(छ)--
प्रत्येक
नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह, प्राकृतिक पर्यावरण, जिसके अन्तर्गत वन,
झील, नदी और वन्य जीव हैं, की रक्षा करे और उनका संवर्धन करे तथा प्राणी
मात्र के प्रति दया भाव रखे।
अनुच्छेद-51क(ज)--
प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे।
अनुच्छेद-51क(झ)--
प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह, सार्वजानिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे।
अनुच्छेद-51क(ण)--
प्रत्येक
नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह, व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी
क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे, जिससे राष्ट्र
निरन्तर बढ़ते हुए उपलब्धि की नई ऊंचाइयों को छू ले।
अनुच्छेद-51क(ट)--
6 से 14 वर्ष के बालकों के माता पिता या संरक्षक का यह कर्तव्य है कि वह उन्हें शिक्षा का अवसर प्रदान करे।
11वें मौलिक कर्तव्य को 86वें संविधान संशोधन 2002 द्वारा जोड़ा गया।
1 Comments
Fundamental duties in Hindi
ReplyDelete